Why not love yourself? खुद से प्यार क्यों न करें?




दूसरोसे मेलजोल,सबसेसहानुभूति,सबसे प्रेम,सब मेलजोल,सबसेसहानुभूति,सबसे प्रेम,सबकी देखभाल,ये सभी ऐसे शब्द हैं जिनको हम अपनी जिंदगी में बहुत बार सुनते है और हर जगह महत्व भी देते हैं और हम अपनों के लिए ये सब करना चाहते हैं|

क्या कभी सोचा है? सब से प्रेम करो लेकिन खुद से क्यों नहीं? 














हम खुद पर सहानुभूति क्यों नहीं कर पाते हैैैैैै? यह सुनने में अजीब लगता है, लेकिन यह सच है। हम  कई बार खुद को क्या इतना नाकाबिल मानते हैं कि अगर हम थक भी जाएँ तो भी काम करेंगे,हम चिंता करते रहेंगे,भले हमारा मन शून्य ही क्यों न हो जाए। जब हमें खुद की मदद की जरूरत होती है तो हम दूसरों की मदद करने की योजना बनाते हैं। हम अपने सब को इतनी सहायता देना चाहते हैं जब तक हम अपने शरीर के बारे में ही न भूल जाएं।









सवाल अब हम क्या करे? 

क्योंकि हम सब के लिए अपने शरीर, मन और हृदय को भूल जाते हैं इसलिए,हमें खुद पर भी थोड़ी सहानुभूति करनी होगी। अपने शरीर से बात करें। अपने मन से बात करें और इसे आराम करने के लिए कहें। इसे इतना चिंता न करने के लिए कहें। कुछ चीजों को भगवान पर छोड़ दो। दूसरों की मदद जरूर करें लेकिन साथ ही साथ,एक समय में अपने आप को शांत और शांत रखने के लिए कोशिश भी करें।








खुद से प्यार करना शुरू करें जैसे आपकी माँ बचपन में आप से एक छोटे बच्चे की तरह करती थी जब आपको शांत रखने के लिए प्यार की आवश्यकता होती थी |

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