magic of mind - मन का जादू

 बुद्धिमान,पढ़े-लिखे,नेकदिल लोगों को अपनी पसंद का जीवन जीते हुए असमर्थ लोगों को किसने नहीं देखा है,जो अंततः हार मान लेते हैं,निराशा और क्रोध से ख़त्म जाते हैं?वे रोलर स्केट्स पर गोरिल्ला की तरह बड़ी ताकत के साथ भागते हैं,लेकिन कोई फ़ायदा नहीं।






   



क्यों होता है ऐसा?एक संभावित उत्तर यह है कि उनके पास जीवन में हर चीज के लिए सिद्धांत व मॉडल तो थे,लेकिन उनके विचारों की सटीकता की जांच करने का कोई तरीका नहीं था। वे यह समझने में असफल रहे कि हर कोई अपनी जागरूकता से जानकारी हटा देता है। हमारी इंद्रियों से परे प्रवाहित होने वाले सभी डेटा को लेना असंभव है।अगर हम ध्यान दें तो यह साबित हो जाता हैं कि हम राजनीतिक दक्षिणपंथी या वामपंथियों के साथ व पहचान वाले लोगों तथा दूसरे पक्ष के तर्कों में खामियां तो देख सकते हैं,लेकिन अपने आप में नहीं। 







पुरुष और महिलाएं,ईसाई और मुस्लिम,आस्तिक और नास्तिक…सभी इस प्रवृत्ति के चपेट में हैं।





  






 

हमें यह बात हमेशा याद रखनी होगी की अगर हमें सफल सेल्समैन कलाकार,नेता,शिक्षक,या साधारण इंसान बनना है,तो हमारे पास एक ब्रह्मांड विज्ञान होना ही चाहिए । 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Some thing about life - जीवन के बारे में कुछ

The benefits of Yoga in Improving healthस्वास्थ्य में सुधार में योग के लाभ

Job Change - Why? नौकरी में बदलाव - किसलिए?