Games addiction - or a passion - खेलों की लत - या एक जूनून
किशोरों व बच्चों के मोबाइल फ़ोन के खेल जुनून के संकेतों को पहचानना उतना आसान नहीं है जितना हर कोई सोचता है। यह हमेशा पहले, एक रुचि के रूप में शुरू होता है और फिर यह एक जूनून के रूप में बढ़ने लगता है। खेल जुनून के शुरुआती लक्षणो की पहचान करने में समस्या किशोर के साथ तब शुरू होती है,जब तक हमारे बच्चे १५ वर्ष और उससे अधिक आयु के होते हैं,तब तक वे कुछ प्रभावशाली वाद-विवाद कौशल सीख चुके होते हैं। इसलिए जब हम मोबाइल पर खेले जाने वाले खेल खेलने के लिए उनकी रुचियों पर सवाल उठाते हैं,तो वे बेतुके तर्क देकर हमारी चिंताओं का खंडन कर सकते हैं और यहां तक कि माता-पिता के रूप में हमारी अपनी खामियों पर सवाल उठा सकते हैं।
चूंकि कोई भी माता-पिता वास्तव में कभी भी बच्चों के किसी दोष को स्वीकार नहीं करना चाहते हैं।
आखिरकार,क्यों किशोर इतना समय कंप्यूटर पर, फोन पर,सिंगुलर सेल फोन के बीच आगे और पीछे डेटा संचारित करने में बिताते हैं।
सावधान रहें कि किशोरों के साथ बहस के शिकार न हों । न केवल वीडियो गेम से किशोरों को लत लग सकती हैं बल्कि अगर उन्हें खेलने में बिताए गए समय की सावधानीपूर्वक निगरानी नहीं की जाए तो मोबाइल वे पर हर सही गलत चीज का अनुपयोगी इस्तेमाल करेंगे जिसकी एक किशोर को कोई आवश्यकता ही नहीं है ।
इनके वीडियो गेम के प्रति जूनून का एक और संकेत परीक्षा में ग्रेड कम होना, होम वर्क के प्रति लापरवाही या बिलकुल भी न करनाया अपना सामाजिक जीवन भी छोड़ने लगते हैं।
इससे बेहतर यही है की उस खेल के समय को शुरुआत में ही खत्म कर दें। यदि आप खेल के समय को सीमित करने में लिए बहुत देर करते हैं,तो आप किशोर के गुस्से व नखरो का सामना कर सकते हैं जिसे आप तब सही तरीके से संभालने के लिए तैयार नहीं हो पाएंगे क्योंकि बच्चा जुनूनी है और गेम खेलने के लिए वह कुछ भी करेगा।
जुनून का एक और संकेत उसका व्यवहार परिवर्तन भी है। गेमिंग के प्रति जुनूनी बच्चा चीजों के साथ और दूसरों के साथ धैर्य खो देगा, गुस्सा करने में तेज होगा और परिणामों के बारे में पूरी तरह से सोचे बिना स्थितियों पर प्रतिक्रिया करेगा। आप देखेंगे कि कोई प्रतियोगिता जीतने के लिए या उच्च स्तर पर आगे बढ़ने के लिए इस तरह के व्यवहार की आवश्यकता बिलकुल भी नहीं होती है।
यह दुर्भाग्यपूर्ण है,लेकिन इस तरह के हिंसक गेमिंग से ग्रस्त एक किशोर को जूनून मुक्त करना इतना आसान भी नहीं है लेकिन हैं आप इस गेमिंग जूनून को किसी हद तक बदल सकते हैं और अपने बच्चे को अन्य मनोरंजक खेलों जैसे तैराकी,नृत्य,स्केटिंग,आदि की तरफ आकर्षित कर सकते हैं ।
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