How to come out of depression - symptoms of depression and treatment डिप्रेशन से बाहर कैसे आए-अवसाद के लक्षण और होम्योपैथिक में उपचार,
डिप्रेशन से बाहर कैसे आए- हम सभी मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है जो अपने विकास के लिए लगातार प्रयास करते आया है और हमेशा ही इसके लिए प्रयत्नशील भी रहते है। मनुष्य को अपनी प्रगति के खामियाजे के लिए,कुछ नकारात्मक पहलू भी मिले जैसे कि वह कई बीमारियों के संपर्क में आ गया। इन्हीं में से एक बीमारी है डिप्रेशन। यह एक इलाज योग्य बीमारी है और इसके शुरुआत में जितनी जल्दी हो सके इलाज करवाया जाना चाहिए। इसका प्राकृतिक और हर्बल उपचार भी उपलब्ध है।
यह डिप्रेशन एक चिंता वाली वाली बीमारियों में से एक है जो विशेष रूप से हर उम्र के लोगों पर पर हमला करता है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि उम्र क्या है या हम कहाँ से हैं। डिप्रेशन एक मानसिक बीमारी है जो व्यक्ति में व्याप्त रहता है और किसी भी क्षण हमला कर सकता है। यहां इस स्थिति में वह व्यक्ति एक मानसिक दबाव से गुजरता है जो उसके मूड को भी प्रभावित करता है। इस स्थिति में उसके मन में असामान्य या सामान्य भावनाएँ होती हैं,जो शांत और गहरी की श्रेणी में आती हैं जो बदले में उसे इस बीमारी की गिरफ्त में लाने का कारण बनती हैं। यदि किसी व्यक्ति पर इस रोग का गहरा हमला हो जाता है तो वह अपने दैनिक कार्यों को करने से दूर हो जाता है या दूसरे शब्दों में कहें तो वह अपने सामान्य जीवन से दूर हो जाता है और इसे ही डिप्रेशन के एक मुख्य लक्षण के रूप में देखा जा सकता है। यह किसी भी मनुष्य के व्यक्तित्व को पतन की ओर ले जाता है और सकारात्मक सोच में कमी करता है।
इसके सबसे शुरूआती लक्षणों की अगर बात की जाए तो पहले केवल उदासी ही उदासी होती है। लेकिन अगर यह और बढ़ गया और समय पर इलाज़ नहीं किया गया तो वह व्यक्ति अपनी दैनिक गतिविधियों से असामान्य हो जाएगा व इसके अन्य लक्षणों मे तनाव, उदासी नई चीजों या आदतों या दैनिक गतिविधियों में रुचि की कमी आदि लक्षण हैं,वह अनावश्यक रूप से थका हुआ महसूस करता है,जो वह करता है उसमें थका हुआ सा, ध्यान केंद्रित करने में असमर्थ,अपने बारे में दोषी महसूस करता है और आत्महत्या के बारे में प्रयास करता है या सोचता है। इसलिए उसे शुरुआती दौर में ही इलाज करवाना चाहिए। ऐसा व्यक्ति छोटी-छोटी बातों के लिए परेशान हो सकता है, इसलिए इसमें लापरवाही नहीं करना चाहिए। अब इस बीमारी के लिए एक अच्छी खबर है कि,उचित उपचार से इसे ठीक किया जा सकता है।
अब कैसे बचाव कर सकते हैं?
चिकित्सक द्वारा निर्धारित दवाओं के नियमित सेवन से एक व्यक्ति इस डिप्रेशन से बाहर आ सकता है ये दवा प्राकृतिक या हर्बल भी हो सकती हैं। जरूरत पड़ने पर मरीज की काउंसलिंग भी करवाई जा सकती है। बेहतर होगा कि आप अपना ध्यान प्राकृतिक या हर्बल उपचारों की ओर लगाएं क्योंकि इनका आप पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। इस रोग को प्राकृतिक उपचारों से भी ठीक किया जा सकता है ताकि वे आपको नुकसान न पहुँचाएँ और आपको जल्द से जल्द ठीक कर दें।
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