Importance of words- शब्दों की ताकत

 




शब्दों की ताकत या power of words, तो आज हम  सभी लोग जानते हैं शब्द एक जरिया है अपनी बात दूसरे तक पहुँचाने का , चाहे आप इन्हे लिख कर या बोल कर पहुंचा सकते हैं ।

आप देख सकते  हैं  कि हमारा इतिहास इस बात का गवाह रहा है कि इन्ही शब्दों की वजह से हमारे इतिहास में बड़े बड़े बदलाव आये हैं और इन्ही शब्दों का चयन करके आज आम आदमी और मीडिया द्वारा अपनी हर बात को प्रभावी ढंग से समाज में रखा जाता है। अगर हम इसे शब्दों की ताकत कहें तो गलत न होगा । इससे हमें पता रहता है कि किसके साथ क्या हो रहा है जिससे हम भी सतर्क हो जाते हैं ।


इन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि एक आत्मविश्वास के साथ अपनी बात को दूसरों के सामने कैसे रखना है ? इसका ज्ञान होना बहुत ही जरूरी है,जिसके लिए कुछ जरूरी टिप्स इस प्रकार से हैं जिन्हे आप अपने जीवन में अपनाकर फायदा उठा सकते हैं - 



1. किसी भी बातचीत के लिए सबसे पहले आपको अपना बातचीत का मकसद पता होना चाहिए कि आपके बात रखने की क्या वजह है? आप दूसरों को क्या और क्यों बताना चाहते हैं ? 

2. इसके बाद अपने शरीर की मुद्रा को प्रभावी बनाना भी बहुत ही ज्यादा मत्वपूर्ण है, इससे मतलब है आपके मुख पर सही मुस्कान, आंखों में देख कर बात करने की आदत, किसी से सामने मिलने पर हाथ मिलाना आदि दूसरों पर एक सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।


3. यह सुनिश्चित करें कि आप द्वारा बोले जाने वाले शब्द आपके चेहरे के आव भाव व आपकी बॉडी लैंग्वेज से मेल खाते हो । साथ ही यह भी देखें कि आप जों भी बोलें वह साफ़ और संक्षिप्त होना चाहिए यानि कम शब्दों में सटीक बात बोली जानी चाहिए ।


4. बोलने से पहले एक बार यह अवश्य जांच लें कि आप किस तरह के लोगों के लिए अपनी बात रख रहें हैं क्योंकि सही व्यक्ति को सही संदेश देना महत्वपूर्ण है,जरूरो नहीं कि जो बात एक व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण या सार्थक है वही दूसरे के लिए भी जरूरी हो सकती है।


5. आप बातचीत करने के लिए के लिए कहीं भी अपने आप पहल करें ।  चाहे आप नौकरीपेशा हों, चाहे व्यापारी हों या फिर विद्यार्थी ही क्यों न हों। 

अगर आप बिज़नेस करते हैं तो आप अपने सप्लायर, ग्राहकों,खरीदारों आदि से बातचीत शुरू करने के लिए खु द पहल करेें या स्वयं कॉल करने की आदत डालें उनकी प्रतीक्षा न करें। ऐसा करने से आप दोनों पक्षों के बीच स्वस्थ दोतरफा रिलेशनशिप को आगे बढ़ाने में मदद कर सकते  हैं। बस महत्वपूर्ण पॉइंट्स को उजागर करने का प्रयास करें कि हमारे बात करने के जरूरी मुद्दे क्या होने चाहिए ।


यह चाहे बोले गए हों, लिखे गए हों, लिखित हों या ट्वीट किए गए हों, हमेशा शक्तिशाली तब होते हैं अगर इन्हे किसी ख़ास रूप से चुन कर दूसरों के सामने पहुँचाया जाए ।  








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